“मेरा भारत महान” हिंदी निबंध। Mera Bharat Mahaan Hindi Essay.

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        “मेरा भारत महान” हिंदी निबंध। Mera Bharat Mahaan Hindi Essay.               Mera Bharat Mahaan photos           प्रस्तावना :- मेरे भारत का नाम संपूर्ण विश्व में गर्व की बात है मेरा देश परंपरा वीरता संस्कृति या यू कहे भौगोलिक सभी परिस्थिति में महान है जहाँ ऐसे पुरातन काल में आर्यवत नाम से पुकारा जाता था वही महाप्रतापी राजा दुष्यंत के पुत्र भारत के नाम पर ही मेरे देश का नाम भारत देश पड़ा है मेरा भारत देश ने भले ही कितने संकटो और युद्ध युद्ध को झेला हो परंतु हर क्षेत्र में मेरा भारत हर युग में अग्रणी रहा. और इन युद्धो का उसके गौरव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा . मेरे देश की महानता उसके इतिहास और पारंपरिक रीति रिवाजों की वजह से भी है. मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश :- मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश है यहां पर हर तरह के अनाजौ की पैदावार होती है जेसे मक्का ,ज्वार ,गेंहू ,बाजरा ,इत्यादि ,मेरा भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही कि जा रही है मेरा भारत में लगभग 51% भाग पर कृषि की जाती है ,कुल 52 फ़ीसदी लोग कृषि से अपनी आजीविका चलाते हैं हरित क्रांति के बाद और अधिक अनाज

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जन्म तथा पुरा नाम

 2 अक्टुबर, सन् 1869 को भारत की घरती ने एक ऐसा माहामानव पैदा किया जिससे न केवल भारतीय राजनीति का नक्शा बदला, बल्कि संपूर्ण विश्व को सत्य, अहिंसा, शांति और प्रेम की अजेय शक्ति के दर्शन कराए। उनका जन्म पोरबंदर के काठियावाड़ में हुआ था। माता-पिता ने उनका नाम मोहन दास करमचंद गांधी रखें।

शिक्षा

  मोहनदास स्कुल-जीवन में साधारण कोटि के छात्र थे। पंरतु व्यावहारिक जीवन में उनकी विशेषता प्रकट होने लगी थी। उन्होंने अघ्यापक द्वारा नकल कराए जाने पर नकल कर देने से इंकार कर दिया। वे 1887 में कानून पढ़ने के लिए विलायत चले गए।

दक्षिण अफ्रीका में

 वकालत के सिलसिले में उन्हें एक बार दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा। वहां भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। स्वंय मोहनदास के साथ भी ऐसा दुर्व्यवहार हुआ । उसे देखकर उनकी आत्मा चीत्कार कर उठी। उन्होंने 1894 में "नटाल इंडियन कांग्रेस" की स्थापना कर के गोरी सरकार के विरुद्ध अहिंसात्मक क्रांति का विगुल बजा दिया। सत्यगग्रह का पहला प्रयोग उन्होंने यहीं से शुरू किया।

भारतीय राजनीति में

  भारत आकर गांधी जी स्वतन्त्रता आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने सत्य और अहिंसा को आघार बनाकर राजनीतिक स्वतंत्रता का आंदोलन छेडा। 1920-22 में उन्होंने अंग्रेज सरकार के विरुद्ध असहयोग आंदोलन छेड़ दिया। सन् 1929 में गांधी जी ने पुनः आंदोलन प्रारंभ किया। यह आंदोलन "नमक सत्याग्रह" के नाम से प्रसिद्ध है। गांधी जी ने स्वयं साबरमती आश्रम से डांडी तक पदयात्रा की तथा वहां नमक बनाकर नामक कानून का उलंघन किया। सन् 1931 में आप "राउंड टेबल कांफ्रेंस" में समलित होने के लिए लंदन गए ‌। सन् 1942 में अपने " भारत-छोडो"  आंदोलन छेड़ दिया। देश भर में क्रांति की ज्वाला सुलगने लगी। देश का बच्चा-बच्चा अंग्रेजी सरकार को उखाड़ फेंकने पर उतारू हो गया। 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हो गया।

बलिदान

  भारत-पाक विभाजन हुआ। 30 जनवरी 1948 को संसार का यह महान मानव एक हत्यारे की गोली का शिकार बन परलोक सिधार गए।

देन

 गांधी जी सत्य अहिंसा के पुजारी थे। वे सभी घर्मो का सामना आदर करते थे। उनकी प्रसिद्ध उक्ति है_ " ईश्वर अल्लाह तेरे नाम। सबको संमति दे भगवान। वे कुशल राजनीतिज्ञ और महान संत थे।

                               
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Birth and full name

 On 2 October 1869 , the Gharti of India created a superhuman that not only changed the map of Indian politics, but also made the whole world see the invincible power of truth, non-violence, peace and love.  He was born in Kathiawar, Porbandar.  The parents named him Mohan Das Karamchand Gandhi.

 Education- Mohandas was an ordinary student in school life.  But his specialty was beginning to appear in practical life.  He refused to be duped when he was copied by the Adhyapak.  He moved to Vilayat in 1887 to study law.


 in South Africa

 He had to go to South Africa once for advocacy.  Indians were treated inhumanely there.  Mohandas himself was also mistreated.  Seeing him, his soul aroused.  He founded the "Natal Indian Congress" in 1894 and played the whims of a non-violent revolution against the white government.  He started the first experiment of Satyagrah from here.


 In Indian politics

 Gandhi came to India and jumped into the freedom movement.  He waged a movement for political freedom by taking truth and non-violence into account.  In 1920-22, he launched the Non-Cooperation Movement against the British Government.  Gandhiji started the movement again in 1929.  This movement is popularly known as "Salt Satyagraha".  Gandhiji himself undertook a march from Sabarmati Ashram to Dandi and violated the law called making salt there.  In 1931, he went to London to attend the "Round Table Conference".  In 1942, he launched his "Quit India" movement.  The flame of revolution started to burn across the country.  The child of the country went down on the overthrow of the English government.  The country became independent on 15 August 1947.


 Sacrifice

 Indo-Pak partition took place.  On January 30, 1948, this great man of the world became a victim of an assassin's bullet and went to the other world.


 Gift

 Gandhiji was a priest of true non-violence.  All of them respected the arrogance.  His famous statement is "God is your name. God bless everyone. He was a skilled politician and a great saint."
         
                       
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