“मेरा भारत महान” हिंदी निबंध। Mera Bharat Mahaan Hindi Essay.

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        “मेरा भारत महान” हिंदी निबंध। Mera Bharat Mahaan Hindi Essay.               Mera Bharat Mahaan photos           प्रस्तावना :- मेरे भारत का नाम संपूर्ण विश्व में गर्व की बात है मेरा देश परंपरा वीरता संस्कृति या यू कहे भौगोलिक सभी परिस्थिति में महान है जहाँ ऐसे पुरातन काल में आर्यवत नाम से पुकारा जाता था वही महाप्रतापी राजा दुष्यंत के पुत्र भारत के नाम पर ही मेरे देश का नाम भारत देश पड़ा है मेरा भारत देश ने भले ही कितने संकटो और युद्ध युद्ध को झेला हो परंतु हर क्षेत्र में मेरा भारत हर युग में अग्रणी रहा. और इन युद्धो का उसके गौरव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा . मेरे देश की महानता उसके इतिहास और पारंपरिक रीति रिवाजों की वजह से भी है. मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश :- मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश है यहां पर हर तरह के अनाजौ की पैदावार होती है जेसे मक्का ,ज्वार ,गेंहू ,बाजरा ,इत्यादि ,मेरा भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही कि जा रही है मेरा भारत में लगभग 51% भाग पर कृषि की जाती है ,कुल 52 फ़ीसदी लोग कृषि से अपनी आजीविका चलाते हैं हरित क्रांति के बाद और अधिक अनाज

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में || Paryavaran pradushan par nibandh

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में || Paryavaran pradushan par nibandh.                                            

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प्रर्यावरण का अर्थ

 "प्रर्यावरण" का शाब्दिक अर्थ है-- चारों ओर का वातावरण, जिससे हम सब सांस लेते हैं। इसके अंतर्गत वायु, जल, घरती, घ्वनि आदि से युक्त पुरा प्रकृति वातावरण आ जाता है। 

प्रर्यावरण प्रदुषण के कारण

 आज हमारी सबसे बड़ी समस्या यही है कि जिस प्रर्यावरण में जीवन पलता है, वहीं   जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है -- अंघाघुंघ वैज्ञानिक प्रगति। अघिक उत्पादन के होड़ में हमने अघिक कल-कारखाने लगा लिए है। उनके द्वारा उत्पादित रसायनिक कचरा, गंदा जल, और मशिनो से उत्पन्न शोर हमारे पर्यावरण के लिए खतरा बन गए हैं।  परमाणु ऊर्जा के प्रयोग ने आकाश में व्याप्त ओजोन गैस की परत में छेद कर दिया है ।                                                          प्रदुषण बढ़ने का दुसरा बड़ा कारण है-- जनसंख्या विस्फोट । अत्याघिक जनसंख्या को अन्य-जल आश्रय देने के लिए वनों को काटना आवश्यक हो गया । इससे भी प्रर्यावरण का संतुलन बिगड़ा ।

प्रदुषण के प्रकार-- प्रदुषण के अनेक प्रकार हैं।  उनमें कुछ मुख्य प्रदुषण इस प्रकार हैं---


वायु प्रदुषण--

आज महानगरों की वायु पूरी तरह से प्रदुषित हो चुकी है । तेल से चलने वाली वाहनों और बड़े-बड़े उद्योगो के कारण वायु में विपैल तत्त्व घुल गये है। इसके कारण अनेक असाध्य रोग उत्पन्न होने लगे हैं। 

जल प्रदुषण--

  फैक्ट्रियों के निकले दूषित कचरे के कारण न केवल नदी-नाले प्रदुषित हूए है, बल्कि भूमि-जल भी दूषित होने लगा है। जिन क्षेत्रों में फैक्ट्रियों अघिक है, वहां प्राय: घरती से लाल-काला जल बाहर निकलता है ।

घ्वनि प्रदुषण--  

आज फैक्ट्रियों, मशिनो, घ्वनि-विस्तारको, वाहनों और आंनद-उत्सवो में इतना अधिक शोर होने लगा है कि लोग बहरे होने लगे हैं। शोर तनाव को भी बढ़ाता है।

प्रदुषण का निवारण-- 

प्रदुषण के रोकथाम के उपाय लोगों के हाथ में है। इसे जनचेतना से रोका जा सकता है। यघपि सरकारें भी जनहित में अनेक उपाय कर रही है। हरियाली को बढ़ाव देना, वृक्ष उगाना, प्रदुषित जल या मल को उचित संसाधन करना, शोर पर नियंत्रण करना, ये उपाय सरकार और जनता दोनों को अपनाने चाहिए। हर व्यक्ति इन प्रदुषणो को रोकने की ठान लें, तभी इसका निवारण संभव है ।

 इसके बारे में भी जाने:--- भारतीय किसान (कृषक) पर निबंध। Essay on Indian Farmer in Hindi    

Mahatma Gandhi essay in Hindi              

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